देश में धार्मिक कट्टरता और असहनशीलता की प्रवृत्ति अचानक ही पैदा नहीं हुयी अपितु इस की जड़ें हमारे पिछले राजनीतिक इतिहास में हैं। इस देश पर लम्बे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए विवादास्पद बाबरी मस्जिद के ताले खुलवा दिए थे और इसके निकट ही मंदिर की नींव का पत्थर भी रखवा दिया था।
कांग्रेस की इस तरह की साम्प्रदायिक और वोट बैंक की राजनीति का ही दुष्परिणाम है कि आज भाजपा और उससे संबंधित अन्य संगठन भी साम्प्रदायिकता के आधार पर वोट बैंक की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं जिससे देश में असहनशीलता और भहसक प्रवृत्ति बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि जो भी साम्प्रदायिकता की बात कहते हुए देश छोडऩे की बात करते हैं, उन्हें पार्टी से निकाला जाए।
कांग्रेस की इस तरह की साम्प्रदायिक और वोट बैंक की राजनीति का ही दुष्परिणाम है कि आज भाजपा और उससे संबंधित अन्य संगठन भी साम्प्रदायिकता के आधार पर वोट बैंक की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं जिससे देश में असहनशीलता और भहसक प्रवृत्ति बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि जो भी साम्प्रदायिकता की बात कहते हुए देश छोडऩे की बात करते हैं, उन्हें पार्टी से निकाला जाए।
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